तुम्हारी परिभाषा - सर्वजीत Tumhari Paribhasa - Hindi Poem by Sarvajeet D Chandra
तुम्हारी परिभाषा - सर्वजीत तुम अपनी जाती नहीं हो ना धर्म, ना आधार का नंबर ना लिबास, ना हुलिया ना अपनी औपचारिकता ना बैंक बैलेंस, न दर्जा ना तुम्हारे बारे में किसी की राय ना अपनी परिस्थितियों की उपज ना तुम्हारा अहंकार, ना किसी दौड़ के चूहे तुम तुम्हारे शब्द हो, और खामोशियाँ भी अपनी हँसी की शरारत हो, ज़ोर सा ठहाका वह गाथाएँ, उपन्यास, किताबें जो तुमने पढ़ी हैं वो गाँव-शहर जहाँ तुमने जीवन बिताया है तुम्हारे पिता का गर्व से उठा हुआ सर हो माँ के मुन्ना-मुन्नी, गंगा जमुना तहज़ीब हो दोस्तों का गली गलौज वाला अपनापन हो तुम्हारे संस्कार, अदब, बड़ों का लिहाज़ हो वो पल हो, जिनका तुमने खूब आनन्द लिया वो स्थल जो तुमने गर्मियों की छुट्टी में घूमे भूले-बिसरे लोकगीत, जो तुम चाव से गाते हो अपने अंदर की रोशनी, अटल विश्वास हो वह चुनौतियाँ, वह वादे जो तुमने निभायें हैं वह सब हो जिससे तुमने बेइंतहा मोहब्बत की आंसू जो तुमने किसी की याद में बहाये हैं वह गुजरे हुए लोग जो तुम्हें बेहद अज़ीज़ थे हर कदम पर खुलती हुई, एक अद्भुत पहेली हो सपना हो, जो उभर रहा है, बोझिल हो रहा है बेरंग रूह हो, जो जीवन रंगों का रस ले रही है शांत सागर हो, और दिल में उमड़ता तूफ़ान भी आँधियों से बग़ावत करता, जलता चिराग़ हो एक मूल हो, जो फोटो कॉपी नहीं बनना चाहता तुम्हारे विचारों से तामीर होती, एक नयी राह हो अपार ब्रह्मांड हो जो निरंतर फैलता जा रहा है Connect with Unpen on Social Media One Link : https://campsite.bio/tounpen Podcast Page https://podcasters.spotify.com/pod/show/unpen Instagram : https://www.instagram.com/2unpen/ Facebook Page: https://www.facebook.com/IndianPoetry/ Twitter : https://twitter.com/2unpen Contact Sarvajeet on sarvajeetchandra@gmail.com #हिंदीपंक्तियाँ #हिंदी_कविता #शायरी #इंस्पिरेशनलकविता #हिंदीशायरी, #हिंदीकविताएँ, #हिंदीशायरीसंग्रह, #हिंदीकवितासंग्रह, #हिंदीकविता #हिंदीकवितालोकप्रिय #बैंकबैलेंस #अहंकार #हिंदीप्रेरणादायक #आत्मविचार #hindithoughts #hindipoetry #hindipanktiyaan #hindipanktiyan #hindi_poetry #poetryofthesoul #inspiredpoetry #deeppoetry #panktiyaan #panktiyan